आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जो पहले कभी आपने नही सुनी होगी। यह घटना एक ऐसे किसान के बारे में हैं जो देखते ही देखते दिल्ली टू अमृतसर स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस का मालिक बन गया। इसके बारे में जानकर हर किसी को हैरानी होगी, लेकिन यह सच्चाई है।

भारत में एक ऐसी ट्रेन हैं जो एक आदमी की हैं जो एक किसान हैं। दरअसल, यह बात साल 2007 की हैं जब भारतीय रेलवे ने इनकी बिना अनुमति के इनकी ज़मीन पर रेलवे ट्रैक बिछा दिया। उसके बाद जो कुछ हुआ है उसके बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे, तो चलिए अब हम उसके बारे में जानते हैं।
यू तो हर दिन कुछ न कुछ ऐसा होता ही रहता हैं जो बड़ा ही अजीब होता हैं या फिर अलग। पर भारत मे ऐसा भी एक वाक्य हुआ जब एक ट्रेन किसान के नाम हो गई। रेलवे की एक गलती के कारण वह किसान इस ट्रेन का मालिक बन गया। इस ट्रेन का नाम स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस हैं जो नई दिल्ली और अमृतसर के बीच चलती हैं। इस ट्रेन का नंबर 12030 है।
तो चलिए आपको बताते है कि इस ट्रेन का मालिक एक किसान कैसे बन गया। दरअसल, साल 2007 में लुधियाना चंडीगढ़ रेल लाइन के निर्माण के दौरान एक किसान की ज़मीन का अधिग्रहण किया गया था लेकिन इसका उचित मुआवजा नहीं दिया गया था।
फिर क्या था, गांव कटाणा के रहने वाले किसान सम्पूर्ण सिंह ने कोर्ट का रुख किया और मामला दर्ज कराया। इसके बाद कोर्ट ने किसान को 105 करोड़ रुपए का मुआवजा देने को कहा था लेकिन रेलवे की ओर से मुआवजे की रकम नही दी गई।
जिला और सत्र न्यायाधीश जसपाल वर्मा की अदालत ने लुधियाना स्टेशन पर खड़ी ट्रेन नंबर 12030 को कुर्क करने का आदेश दे दिया। इतना ही नही कोर्ट ने स्टेशन मास्टर के कार्यालयों को भी कुर्क करने का आदेश सुनाया था। क्योंकि रेलवे ने 2015 के आदेश का पालन नही किया था।