बच्चों को डांटते समय भूलकर भी न कहें ये 2 बात, वरना उस पर पड़ेगा बुरा प्रभाव, फिर जीवनभर होगा पछतावा

Relationship with Children: माता-पिता के जीवन में सबसे बड़ा टास्क उन्हें अपने बच्चों का सुनहरा भविष्य बनाना होता है। बच्चों के भविष्य के लिए पैरेंट्स प्लानिंग करते हैं, उन्हें अच्छे स्कूल में पढ़ाते हैं और अच्छे संस्कार भी देते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि पैरेंट्स बच्चों के लिए बहुत कुछ करते हैं लेकिन कभी-कभी उन्हें माता-पिता डांटने लगते हैं जो जरूरी भी है। बहुत बार बच्चों को डांटते हुए माता-पिता ऐसी बातें बोल जाते हैं जो नहीं बोलनी चाहिए।

बच्चों को डांटना पैरेंट्स के लिए बहुत ही नॉर्मल सी बात होती है लेकिन कई बार उन्हें डांटने में माता-पिता ऐसा कुछ बोल जाते हैं जो नहीं बोलना चाहिए। डांटने समय गाली-गलौच करना, दूसरे बच्चों से तुलना करना, जरूरत से ज्यादा उम्मीदें पालना ये सभी चीजें होती हैं। माता-पिता को ऐसी बातें क्यों नहीं करना चाहिए, चलिए बताते हैं।

पैरेंट्स बच्चों को डांटने में ना बोलें ये चीजें (Relationship with Children)

माता-पिता को समझने की जरूरत है कि हर बच्चा टॉपर नहीं हो सकता है। सबका आईक्यू लेवल एक जैसा नहीं हो सकता है। इसलिए बच्चों को डांटते समय आपको यहां बताई गई बातों को भूलकर भी नहीं कहनी चाहिए।

1. ‘तुम फलां की तरह अच्छे नहीं नंबर नहीं ला सकते’

जब भी आप बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं तो इससे उनका आत्मविश्वास कम होने लगता है। दूसरे बच्चों के प्रति ईर्ष्या की भावना पैदा हो जाती है। वो तनाव का भी शिकार हो सकते हैं और टीनएजर में ऐसा होना उनके लिए एग्रेशन ला सकता है। बच्चा जैसा परफोर्म करे तो उसे स्वीकार करें और बच्चों को समझाएं कि वो अच्छे नंबर ला सकते हैं, उनका प्रोत्साहन बढ़ाएं उसे कम ना करें।

2. ‘तुम लाइफ में कुछ नहीं कर पाओगे’

जब भी माता-पिता बच्चों को डांटते हैं तो ये अक्सर बोलते हैं। इससे बच्चों का मोटिवेशन डाउन होने लगता है और दसरी बात अगर उन्होंने लाइफ में कुछ हासिल किया तो उसका क्रेडिट बिल्कुल भी दूसरों को नहीं दें। बच्चों को समझाएं कि उनकी क्षमता क्या है और उसपर उन्हें काम करने को बोलें। बच्चों के अंदर कोई भी टैलेंट हो उसे पहचानें और बच्चों को बताएं, उसके लिए प्रोत्साहित भी करें।

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