किसी भी घर या दफ्तर की वास्तुकला वहां के लोगों या कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है। कुल मिला कर प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख किया गया है कि स्वास्थ्य और वास्तु दिशाएं परस्पर जुड़े हुए हैं। वास्तु के अनुसार ही उचित दिशा में खाना, सोना और अन्य कार्य किये जाने चाहिये, अन्यथा माना जाता है कि परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर इसका काफी असर पड़ता है।
घर के हर कमरे, रसोई घर या बाथरूम के लिये जिस तरह वास्तु शास्त्र में उचित दिशा का उल्लेख किया गया है, ठीक उसी तरह भोजन करने के लिये भी एक उचित दिशा है। वहीं, एक दिशा ऐसी भी है, जिस ओर मुंह करके खाना खाने से व्यक्ति का विनाश निकट आ जाता है। आज हम इस लेख में जानेंगे कि किस दिशा में मुंह करके भोजन कना शुभ माना जाता है और कौन सी दिशा भोजन करने के लिये अशुभ है।
पूर्व दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में मुंह करके भोजन करने से व्यक्ति का दिमाग तेज होता है और पाचन क्रिया भी काफी अच्छे से काम करती है। पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिये पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके खाना खाने की सलाह दी जाती है।
पश्चिम दिशा
पश्चिम दिशा को भोजन करने के लिये काफी उत्तम माना गया है, क्योंकि इसे लाभ की दिशा माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिशा को लेखन, अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में व्यवसाय, रोजगार या पेशेवरों के लिए अच्छा माना जाता है। कहते हैं इस दिशा में मुंह करके भोजन करने से व्यापार में मुनाफा होता है। लेकिन इस दिशा की तरफ भोजन करने से ये नुकसान होता है कि मनुष्य को कर्ज से कभी मुक्ति नहीं मिलती है, इस वजह से हर किसी को इसका ध्यान रखना चाहिए।
उत्तर दिशा
जो विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं या जो अपने करियर के शुरूआती दौर में हैं, उन लोगों को विशेषकर उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके भोजन करना चाहिये।
दक्षिण दिशा
भूल कर भी किसी को इस दिशा की ओर मुंह करके भोजन नहीं करना चाहिये। दक्षिण दिशा मृत लोगों के लिए है, जिस वजह से इस र मुंह करके खाना नहीं खाना चाहिये। खास कर उन लोगों को इस दिशा में खाना बिल्कुल नहीं खना चाहिये, जिनके माता-पिता जीवित हों।