Chanakya Niti: जिस परिवार के मुखिया में होती है ये 3 आदत, उस परिवार को कोई अहित नहीं कर सकता

चाणक्य नीति के बारे में आप सभी ने सुना होगा और आप इसका अनुसरण करने का प्रयास भी करते होंगे। आज के इस लेख में हम आपको चाणक्य की उन तीन नीतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका पालन घर के मुखिया के लिये काफी अहम है। ये तो सभी जानते हैं कि परिवार में मुखिया का दर्जा जितना बड़ा होता है, उससे भी बड़ी होती है उसकी जिम्मेदारियां, क्योंकि परिवार की भलाई भी उसी में होती है। ऐसे में घर के मुखिया का फैसला काफी अहम होता है।

Chanakya Niti

किसी भी परिवार को बेहतर ढंग से चलाने और उसे आगे ले जाने में उस फैमिली के मुखिया का सबसे बड़ा योगदान होता है। जिस परिवार के मुखिया किसी लत का शिकार हो जाते है वो परिवार टूटकर बिखर जाता है, इसी वजह से चाणक्य ने अपनी नीति में उन तीन आदतों के बारे में जिक्र किया है जो हर परिवार के मुखिया के अंदर होनी चाहिए।

कहे पर भरोसा ना करे

घर के मुखिया को कभी भी किसी की बात पर यूं ही विश्वास नहीं करना चाहिये। अगर वे किसी से कुछ सुनते हैं, तो पहले उसकी पुष्टि करें। आंखों देखी चीज पर ही भरोसा करें, ना कि किसी के कहे पर। ऐसे में आपको धोखा हो सकता है और आप अहम मुद्दों पर गलत फैसला कर बैठेंगे, जो आपके और आपके परिवार के लिये हानिकारक होता है। जिस घर का मुखिया हर निर्णय सोच समझ कर और बात के हर पहलू पर विचार कर लेता है, वहां नुकसान की आशंका कम होती है।  

मुखिया ले घर के खर्चों की बागडोर

घर के खर्चों की बागडोर हमेशा मुखिया के हाथों में होनी चाहिये। इससे पैसों की बर्बादी पर तो रोक लगती ही है और साथ ही भविष्य के लिये संपत्ति का भी नियोजन होता रहता है। साथ ही घर में कलेश और पैसों के लिये विवाद नहीं होता।

हमेशा अच्छे कर्म और फैसले पर डटे रहना चाहिए

कहते हैं हम जैसे अपने बड़ों को करता देखते हैं, वैसे ही सीखते हैं। ऐसे में घर के मुखिया को डटे रहना चाहिये। उन्हें हमेशा ऐसे कार्य करने चाहिये, जिन्हें देख कर परिवार के सभी सदस्य अच्छी आदतें सीखें। साथ ही मुखिया अगर कोई फैसला ले, तो उस पर अडिग रहे, ताकि परिवार के सदस्य भी अनुशासन का पालन करें।

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