Chanakya Niti: मनुष्य को गधे से सीखनी चाहिए ये 3 चीजें, फिर जीवन में हमेशा मिलेगी सफलता, धन-दौलत की नहीं होगी कमी

जिस तरह हर व्यक्ति में विभिन्न गुण होते हैं, ठीक उसी तरह बेजुबान जानवर भी अलग-अलग विशेषताएं रखते हैं। उदाहरण के लिये कुत्तों को सबसे वफादार कहा जाता है, जो अपने मालिक के लिये जान तक देने को तैयार रहते हैं और जिंदगी भर अपने मालिक के घर की सुरक्षा करते हैं। इसी तरह गाय हमें दूध आदि देकर उपककृत करती है। पक्षी अपनी मधुर आवाजें सुनाते हैं। वहीं, लोग गधे को सबसे ज्यादा मुर्ख जानवर कहते हैं।

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सदियों से ही अगर किसी व्यक्ति को मूर्ख बताया जाना हो, तो लोग उसे गधे के नाम से पुकारने लग जाते हैं, लेकिन आचार्य चाणक्य के अनुसार गधे से लोगों को कुछ गुण सीखने चाहिये। जी हां, मूर्ख माने जाने वाले जानवर गधे को लेकर आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में एक श्लोक के माध्यम से गधे के तीन गुणों का उल्लेख किया है। इन तीन गुणों को यदि मनुष्य अपने जीवन में अपना ले, तो जिंदगी में कभी असफलता उसे छू भी नहीं पायेगी। आइये जानते हैं उस श्लोक और उसके अर्थ के बारे में…..

चाणक्य के श्लोक

सुश्रान्तोऽपि बृहद् भारं शीतोष्णं न पश्यति।
सन्तुष्टश्चरतो नित्यं त्रीणि शिक्षेच्च गर्दभात् ॥

इसका अर्थ

1. हर परिस्थिति में डटे रहना

गधे के गुणों में से एक है कि वह हर परिस्थिति में खुद को ढाल लेता है। चाहे गर्मी हो या सर्दी वह बिना रुके अपना काम पूरा करता है। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति में जीवन में सफलता पाना चाहता है, तो उसे सुख हो या दुख हर परिस्थिति में खुद को ढाल कर अपना काम करते रहना चाहिये।

2. आलस्य से बना लें दूरी

गधा बुरी तरह थक जाने के बाद भी अपना काम करना नहीं छोड़ता। वह जी जान से मेहनत करता है। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति भी जी जान लगा कर अपना काम पूरा करे, तो उसे सफलता जरूर मिलेगी।

3. जितना है, उतने में खुश रहें

गधा कभी भी खुद को मिलने वाली चीजों से अधिक की चाह नहीं रखता, बल्कि उसे जो मिलता है, वो उसी में संतुष्ट रहता है। इसी तरह मनुष्य भी अपने पास जो कुछ है, उसी से संतुष्ट होने लग जाये, तो असफलता कभी उसके रास्ते में नहीं आयेगी।

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