Business Idea: इन 3 पेड़ के पत्ते को बेचकर किसान हो जाएंगे मालामाल, हर महीने कमा सकते हैं लाखों रुपये

बढ़ती महगाई की वजह से आज कल ज्यादातर लोग अपना खुद का बिजनेस करना चाहते है। हालांकि अपना खुद का बिजनेस शुरू करने में सबसे बड़ी समस्या पैसों की होती हैं। बिजनेस आप अकेले करेंगे तो पैसे भी आपको ही लगाने होंगे। कई लोग पेसो की कमी के कारण अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की इच्छा अपने मन मे ही रख लेते हैं।

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इसलिए आज हम आपके लिए ले कर आए हैं ऐसे  बिजनेस की जानकारी, जिसे आप बिलकुल कम खर्चे में या कह लीजिए कि न के बराबर पेसो में शुरू कर सकते हैं और इतना ही नही इससे बहुत ही बढ़िया कमाई भी कर सकते है। आपने केले, पान और साखू का नाम तो जरूर सुना होगा। जी हां, बस इन्ही तीन चीज़ो के पेड़ लगाकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं और इसमे न तो ज्यादा खर्च होगा और न ही ज्यादा झंझट।

1. केले के पत्ते

केले का पेड़ तो छोटे गांव या शहरों में लगभग हर किसी के घर मे या उनके आस पास जरूर देखने को मिल जाता हैं। केले के पेड़ में लगे केलो को बेचकर तो लोग पैसे कमाते ही हैं पर क्या आपको पता है कि आप केले के पत्तों से भी मोटी कमाई कर सकते हैं।

यह तो सभी को पता है कि केले के पत्ते को हिन्दू मान्यता के अनुसार बड़ा ही शुभ माना जाता हैं। इनका इस्तेमाल पूजा में भी किया जाता हैं और भोजन परोसने में भी इनका उपयोग किया जाता हैं। आज कल तो केले के पत्तों से खाने की प्लेट्स भी बनाई जाती हैं। इनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल साउथ इंडिया में किया जाता हैं।

2. पान के पत्ते

केले की तरह ही पान के पत्तों का भी हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता हैं। कोई भी पूजा हो पान के पत्तों का उपयोग आवश्यक होता हैं। पान का उपयोग पूजा के अलावा दवाई के रूप में भी किया जाता हैं। शर्दी जुकाम होने पर पान के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिया जाता हैं। पान एक ऐसी चीज हैं जिसकी डिमांड बारह महीने बनी रहती हैं फिर चाहे कोई शादी ब्याह हो या कोई पूजा पाठ का कार्यक्रम। पान का बिजनेस थोक में भी कर सकते हैं या फिर खुदरा व्यापार भी किया जा सकता हैं।

3. साखू के पत्ते

साखू का पेड़ जिसे आमतौर पर सब लोग साल के वृक्ष के नाम से जानते हैं। इसका पेड़ के बारे में कहा जाता हैं कि यह सौ साल तक खड़ा रहता है और फिर सौ साल तक पड़ा रहता हैं तो भी यह सड़ता नही है। इसकी लकड़ी बहुत ही मजबूत होती हैं। यह उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, झारखंड तथा असम के जंगलों में पाया जाता हैं। इसके अलावा यह श्री लंका, बांग्लादेश में भी पाया जाता हैं। इसकी कुल मिलाकर नौ प्रजातियां हैं। यह काफी मेहेंगा पेड़ होता हैं। इसका इस्तेमाल ज्यादातर घर बनाने में किया जाता हैं और इसमे कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं जो न जाने कितनी बीमारियों का इलाज करने में सहायक होते हैं।

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