थायराइड बढ़ते ही आंखों में दिखने लगते हैं ये संकेत, जानिए इसकी वार्निंग साइन क्या है?

जिन लोगों के थायराइड होता है उनकी आंखों में कभी-कभी ऐसी कंडीशन पनपने लगती है जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम आंखों के आसपास की मांसपेशियों और अन्य टिशूज पर अटैक करने लगता है। थायराइड बढ़ने पर आईबॉल देखने में ऐसी लगती है मानो वो बाहर आ रही हैं।

Thyroid

दरअसल ऐसा तब होता है जब आपका  इम्यून सिस्टम संक्रमण से लड़ने की बजाय गलती से थायराइड ग्रंथि पर हमला कर देता है और थायराइड हार्मोन जरूरत से ज्यादा या कम मात्रा में बनने लगता है। इसका सीधा प्रभाव आपकी आंखों पर पड़ने लगता है। आईए जानते हैं थायराइड होने पर आंखों पर क्या प्रभाव पड़ता है

बाहर निकल आएंगे आंखें

नेत्र विशेषज्ञों का मानना है कि थायराइड एक ऐसी ग्रंथि होती है जो हमारे गले में मौजूद होती है। इस ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन को थायराइड हार्मोन कहा जाता है, जिसकी वजह से हमारे शरीर में काफी सारे काम होते हैं। जब थायराइड ग्रंथि के काम में कोई कमी आ जाती है तो इसका असर आंखों या उसके आसपास के हिस्से पर पड़ता है। थायराइड आई डिजीज एक ऑटोइम्यून बीमारी होती है, जो आंखों को सीधे तौर पर प्रभावित नहीं करती, बल्कि उसके आसपास के टिश्यू को प्रभावित करती है। 

ऐसे पहचाने कि आपको है थायराइड आई डिजीज

थायराइड आई डिजीज होने की स्थिति में आंखों की मांसपेशियां और आंखों के पीछे के फैटी टिशूज में सूजन आने लगती है। इस तरह की बीमारी हाईपर थाइरॉईडिज्म के मरीजों में अक्सर देखने को मिलती है। आंखें बाहर की तरफ निकली हुई महसूस होती है।

पलके ऊपर की तरफ उठना

हेल्थ विशेषज्ञों का मानना है कि  थायराइड की स्थिति में पलके ऊपर की तरफ उठने लगती है, जिससे आंखें बड़ी लगने लगते हैं। पलकों में सूजन आना, डबल दिखाई देना ये सभी थायराइड बीमारी के लक्षण हैं। गंभीर मामलों में मरीज की नजर भी कमजोर हो सकती है जो कि ऑप्टिक नर्व पर खिंचाव आने का कारण होता है। 

थायराइड आई डिजीज हाइपरथाइरॉएड की स्थिति में होता है?

नेत्र विशेषज्ञों का मानना है कि थायराइड नेत्र रोग मुख्य रूप से हाइपर थायराइड रोग की स्थिति में होता है। इस स्थिति में थायराइड ग्रंथि बहुत अधिक मात्रा में हार्मोन बनाने लगती है, जो आपकी आंखों को सीधा तौर पर प्रभावित करती है और इस स्थिति को थायराइड ऑपथाल्मोपैथी के नाम से जाना जाता है। हाइपर थाइरॉएडिज्म दिमाग के टिशूज और पेरीफेरल नर्वस के साथ-साथ ब्रेन पर भी असर डालता है। हाथ पैर में झनझनाहट होना, कमजोरी, सुन्नपन दर्द और जलन जैसी समस्या इस स्थिति के लक्षण हैं। अगर समय रहते इसका इलाज न कराया जाए तो आपकी आंखों में अंधापन हो सकता है और भी अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। 

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