वैसे तो शादी के दौरान कई सारी मजेदार और दिलचस्प रस्में की जाती है और हर एक रस्म के पीछे कोई न कोई तथ्य या मान्यता जरूर होती है। हर रस्म का अपना एक महत्व होता है, ऐसी ही एक रस्म होती है हल्दी की। हल्दी का उपयोग मसाले के रूप में तो किया ही जाता है, साथ ही इसे बहुत ही गुणकारी भी माना गया है। इसलिए यदि किसी को चोट लग जाती है या फिर किसी के शरीर में दर्द होता है तो लोग हल्दी वाला दूध भी पीते हैं।
शादी के पहले दूल्हा और दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है, ये तो सभी को पता ही होगा लेकिन क्या आपको यह पता है कि जब भी कोई नई नवेली दुल्हन अपने ससुराल में गृह प्रवेश करती है, तो घर के मुख्य दरवाजे पर हल्दी से अपने हाथों की छाप क्यों लगाती है? अगर नही तो चलिए हम आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह।
शादी ब्याह में चलने वाले रीति रिवाज उसे और भी खास बना देते हैं। हिन्दू धर्म में विवाह कई दिनों तक चलने वाला त्योहार माना जाता है। शादी चाहे लड़की की हो या लड़के की, दोनों ही पक्ष बहुत सारी रस्में निभाते हैं और खूब मौज मस्ती भी करते हैं। इन रस्मों में से एक रस्म होती है जब नई दुल्हन प्रवेश द्वार पर अपने हाथों के पंजो से हल्दी का छाप लगाती है।
ऐसा करवाने के पीछे भी एक धार्मिक महत्व है। नई दुल्हन से ऐसा करवाया जाता है क्योंकि हल्दी भगवान बृहस्पति को अति प्रिय है। गुरु बृहस्पति की पूजा में हल्दी उपयोग अति आवश्यक होता है। बृहस्पति ग्रह शादी शुदा जीवन में सुख शांति बनाए रखने के लिए माना जाता हैं। इस ग्रह का शादीशुदा जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
इसलिए हल्दी से यह रस्म की जाती है ताकि नए नवेले जोड़े को गुरु बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त हो सके और उनका दाम्पत्य जीवन खुशियों से भर जाए। क्योंकि हर कोई चाहता है उनका जीवन हमेशा खुशहाली से भरा रहे और उनकी जिंदगी में कभी कोई समस्या उत्पन्न ना हो। इसी को ध्यान में रखते हुए शादी के बाद नई दुल्हन से ये रस्म करवाई जाती है।